Reliance Jio ने सरकार को लिखा पत्र, सैटेलाइट इंटरनेट में बड़ी मांग की पेशकश, Starlink को देने जा रहा है कड़ी टक्कर!

Reliance Jio: एशिया के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी की अगुआई वाली दूरसंचार दिग्गज कंपनी रिलायंस जियो ने भारत सरकार को पत्र लिखकर सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के लिए पारदर्शी नीलामी का अनुरोध किया है। कंपनी का लक्ष्य सैटेलाइट और टेलीकॉम नेटवर्क के बीच प्रतिस्पर्धा के लिए समान अवसर तैयार करना है। संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को संबोधित पत्र में जियो ने स्टारलिंक, अमेज़ॅन कुइपर और भारत में एसईएस के संयुक्त उद्यम जैसे वैश्विक उपग्रह समूहों में बढ़ती रुचि पर प्रकाश डाला।

दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ने तर्क दिया कि चूंकि पारंपरिक दूरसंचार नेटवर्क नीलामी के माध्यम से स्पेक्ट्रम प्राप्त करते हैं, इसलिए निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए उपग्रह सेवाओं के लिए भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। जियो ने पहले भी भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के समक्ष अपनी चिंताओं को व्यक्त किया था, लेकिन कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।

ट्राई के प्रस्तावित दृष्टिकोण की आलोचना

जियो ने स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए ट्राई के प्रस्तावित प्रशासनिक दृष्टिकोण की कड़ी आलोचना की, जो स्पष्ट नीति के बिना “पहले आओ, पहले पाओ” के सिद्धांत पर आधारित था। कंपनी ने यह सुनिश्चित करने के लिए मंत्री स्तर के हस्तक्षेप का अनुरोध किया कि ट्राई अपने परामर्श पत्र में इन मुद्दों को शामिल करे और स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी नीतियों को अपनाए।

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अपने पत्र में जियो ने कहा, “हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप हस्तक्षेप करें ताकि ट्राई इन मुद्दों को अपने परामर्श पत्र में शामिल करे और स्पेक्ट्रम आवंटन नीतियों पर उसकी सिफारिशें दूरसंचार अधिनियम और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार निष्पक्षता, पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा के सिद्धांतों का पालन करें।”

सैटेलाइट संचार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के लिए जियो का प्रयास

रिलायंस जियो द्वारा यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब उपग्रह आधारित संचार सेवाओं से पारंपरिक दूरसंचार नेटवर्क के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा करने की उम्मीद है। पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया पर जोर देकर, जियो का लक्ष्य उभरते उपग्रह संचार बाजार में समान अवसर उपलब्ध कराना है।

कंपनी द्वारा सरकार से हस्तक्षेप करने का अनुरोध भारत के डिजिटल परिदृश्य में उपग्रह-आधारित इंटरनेट सेवाओं के बढ़ते महत्व को दर्शाता है। चूंकि स्टारलिंक और अमेज़ॅन कुइपर जैसी वैश्विक कंपनियाँ भारतीय बाज़ार में बढ़ती दिलचस्पी दिखा रही हैं, इसलिए जियो का सक्रिय रुख कनेक्टिविटी के इस नए क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा करने के लिए उसकी तत्परता को दर्शाता है।

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यह विकास भारत के दूरसंचार क्षेत्र की उभरती गतिशीलता को दर्शाता है, जिसमें जियो जैसी स्थापित कंपनियाँ उभरती हुई उपग्रह-आधारित सेवाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए खुद को तैयार कर रही हैं। इस अनुरोध का परिणाम भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी के भविष्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है, जो संभावित रूप से आने वाले वर्षों के लिए प्रतिस्पर्धी परिदृश्य को आकार दे सकता है।

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