Petrol-Diesel Price Today: 6 सरकारी तेल कंपनियों ने पूरे भारत में पेट्रोल और डीज़ल की ताज़ा कीमतें जारी कर दी हैं। बढ़ती महंगाई के बावजूद, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों में आज ईंधन की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के बाज़ारों में उतार-चढ़ाव आने वाले दिनों में घरेलू ईंधन की कीमतों को प्रभावित कर सकता है।
प्रमुख शहरों में वर्तमान ईंधन कीमतें
दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है। मुंबई के निवासी पेट्रोल और डीजल के लिए क्रमशः 103.44 रुपये और 89.97 रुपये चुका रहे हैं। कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.95 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल 91.76 रुपये प्रति लीटर है। चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.75 रुपये और डीजल की कीमत 92.34 रुपये प्रति लीटर है।
विभिन्न राज्यों में मूल्य वृद्धि और कटौती
आज कई राज्यों में ईंधन की कीमतों में बदलाव देखने को मिला है। बिहार में पेट्रोल 9 पैसे बढ़कर 107.30 रुपये प्रति लीटर और डीजल 3 पैसे बढ़कर 89.71 रुपये प्रति लीटर हो गया है। अन्य राज्यों में आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, राजस्थान और तेलंगाना में कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है।
वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में ईंधन की कीमतों में कमी देखी गई है। पेट्रोल के दाम 23 पैसे घटकर 104.53 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं, जबकि डीजल के दाम 20 पैसे घटकर 91.06 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। छत्तीसगढ़, गोवा, हरियाणा, केरल, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी देखी गई है।
ईंधन की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक
भारत भर में ईंधन की कीमतों में भिन्नता कई कारकों के कारण हो सकती है, जिसमें राज्य-विशिष्ट कर, परिवहन लागत और स्थानीय बाजार की स्थितियाँ शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, वैश्विक कच्चे तेल का बाजार घरेलू ईंधन की कीमतों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चूंकि अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है, इसलिए उपभोक्ता निकट भविष्य में पेट्रोल और डीजल की दरों में संभावित बदलाव की उम्मीद कर सकते हैं।
विशेषज्ञ मोटर चालकों को सलाह देते हैं कि वे दैनिक मूल्य अपडेट के बारे में जानकारी रखें और उसी के अनुसार अपनी ईंधन खरीद की योजना बनाएं। चल रही आर्थिक चुनौतियों और मुद्रास्फीति के दबावों के साथ, देश भर में व्यक्तियों और व्यवसायों दोनों के लिए ईंधन व्यय की निगरानी करना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है।