Airtel: दिवाली से ठीक पहले एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए भारती एयरटेल ने अपना अब तक का सबसे किफायती प्लान पेश किया है, जिसकी कीमत सिर्फ़ ₹26 है। इस नई पेशकश से भारत भर में लाखों उपयोगकर्ताओं को फ़ायदा मिलने वाला है, जो संभावित रूप से दूरसंचार उद्योग के प्रतिस्पर्धी परिदृश्य को नया आकार देगा।
एयरटेल की नई डेटा ऐड-ऑन रणनीति
जुलाई 2024 में एयरटेल के प्रीपेड प्लान के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण बदलाव हुआ। कंपनी ने अपने रोस्टर से कई पुराने प्लान हटा दिए और नए प्लान पेश किए, जिसमें बजट-फ्रेंडली ₹26 प्लान भी शामिल है। यह प्लान खास तौर पर डेटा ऐड-ऑन पैक के तौर पर डिज़ाइन किया गया है, जो उन यूज़र्स के लिए है जो अक्सर अपनी दैनिक डेटा सीमा समाप्त कर देते हैं और कनेक्ट रहने के लिए अतिरिक्त गीगाबाइट की ज़रूरत होती है।
₹26 वाले प्लान में यूजर को एक दिन की वैधता के साथ 1.5GB डेटा मिलता है। यह एयरटेल के पिछले ऑफर से बेहतर है, जिसमें ₹22 में 1GB डेटा मिलता था। इससे पैसे की कीमत में बढ़ोतरी होती है। बड़े डेटा पैकेज की जरूरत वाले यूजर के लिए, एयरटेल ₹77 प्लान में 5GB डेटा और ₹121 प्लान में 6GB डेटा भी देता है। ये सभी प्लान अलग-अलग ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।
प्रतिस्पर्धी परिदृश्य और बीएसएनएल के लिए अवसर
एयरटेल और रिलायंस जियो जैसी निजी दूरसंचार दिग्गज अपने प्रीपेड प्लान में लगातार नए-नए प्रयोग कर रही हैं, लेकिन हाल ही में कीमतों में बढ़ोतरी ने सरकारी स्वामित्व वाली भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के लिए अवसर की एक खिड़की खोल दी है। जैसे-जैसे निजी ऑपरेटर अपने टैरिफ बढ़ा रहे हैं, बीएसएनएल अपने 4जी नेटवर्क का तेजी से विस्तार करने और 5जी को तेजी से शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
बीएसएनएल का यह रणनीतिक कदम भारत के दूरसंचार क्षेत्र में संतुलन को बदल सकता है। प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण और नेटवर्क कवरेज के विस्तार के साथ, बीएसएनएल का लक्ष्य बाजार हिस्सेदारी को फिर से हासिल करना और 5जी युग में खुद को एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करना है।
उपभोक्ताओं और बाजार की गतिशीलता पर प्रभाव
एयरटेल के ₹26 प्लान और अन्य ऑपरेटरों के इसी तरह के बजट-अनुकूल विकल्पों की शुरूआत भारत के दूरसंचार बाजार में तीव्र प्रतिस्पर्धा को उजागर करती है। ये किफायती डेटा ऐड-ऑन ऐसे देश में विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं जहाँ मोबाइल डेटा की खपत दुनिया भर में सबसे अधिक है, जो कि दूरस्थ कार्य, ऑनलाइन शिक्षा और डिजिटल मनोरंजन में वृद्धि के कारण है।
चूंकि दूरसंचार कंपनियाँ अपनी पेशकशों में लगातार नए-नए प्रयोग कर रही हैं और उन्हें समायोजित कर रही हैं, इसलिए उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प और अपने पैसे के लिए बेहतर मूल्य का लाभ मिलने की संभावना है। हालाँकि, ऑपरेटरों के लिए चुनौती किफायती योजनाओं और नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर में पर्याप्त निवेश की आवश्यकता के बीच संतुलन बनाने की है, खासकर तब जब देश व्यापक रूप से 5G अपनाने की ओर बढ़ रहा है।
आने वाले महीने यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होंगे कि बीएसएनएल के आक्रामक विस्तार सहित विभिन्न दूरसंचार कंपनियों की ये नई योजनाएं और रणनीतियां भारत के डिजिटल परिदृश्य और लाखों उपयोगकर्ताओं के लिए कनेक्टिविटी विकल्पों को किस तरह नया आकार देंगी।