Dearness Allowance Hike Update: हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपने 1.80 लाख कर्मचारियों और 1.70 लाख पेंशनभोगियों को दिवाली का बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दशहरे की पूर्व संध्या पर महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में 4% की बढ़ोतरी की घोषणा की, जिससे राज्य भर के सरकारी कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई।
घोषणा की मुख्य बातें:
- डीए बढ़ोतरी : डीए और डीआर में 4% की वृद्धि, 1 जनवरी 2023 से प्रभावी।
- वित्तीय प्रभाव : इस बढ़ोतरी से राज्य के खजाने पर प्रतिवर्ष 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
- शीघ्र वेतन और पेंशन : कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उनका भुगतान 28 अक्टूबर को प्राप्त होगा, जो कि सामान्य तिथि 1 और 9 नवंबर से पहले है।
- चिकित्सा बिलों का निपटान : कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सभी लंबित चिकित्सा बिलों का निपटान कर दिया गया है, जिसके लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान पहले ही किया जा चुका है।
अतिरिक्त लाभ:
- वरिष्ठ पेंशनभोगियों के लिए बकाया राशि : 75 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनभोगियों के लिए लंबित बकाया राशि का पूर्ण भुगतान।
- चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त किस्त : चतुर्थ श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों के लिए बकाया राशि के रूप में 20,000 रुपये की अतिरिक्त किस्त।
- कुल व्यय : सरकार इस वित्तीय वर्ष में वेतन और पेंशन बकाया पर कुल 202 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
राज्य की वित्तीय स्थिति पर मुख्यमंत्री का वक्तव्य:
मुख्यमंत्री सुखू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश 2022 तक आत्मनिर्भर बन जाएगा और भाजपा नेताओं द्वारा वित्तीय कमी के दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर पर धन की कमी के बारे में गलत सूचना फैलाने और प्रधानमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को गुमराह करने का आरोप लगाया।
राजनीतिक निहितार्थ:
सीएम की यह घोषणा राज्य की वित्तीय सेहत के बारे में भाजपा के दावों का सीधा जवाब लगती है। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी जारी करके और लंबित बकाया का भुगतान करके सरकार कर्मचारी कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करना चाहती है और वित्तीय संकट के आरोपों का जवाब देना चाहती है।
निष्कर्ष:
हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी और वेतन तथा पेंशन का जल्द भुगतान एक स्वागत योग्य कदम है। यह न केवल वित्तीय राहत प्रदान करता है, बल्कि आगामी त्यौहारी सीजन के लिए सकारात्मक माहौल भी बनाता है। वित्तीय बाधाओं के आरोपों के बीच इन उपायों को लागू करने की सरकार की क्षमता राज्य में आर्थिक वास्तविकताओं और राजनीतिक आख्यानों के बीच जटिल अंतर्संबंध को उजागर करती है।