e-KYC of LPG and Ration: सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत राजस्थान के जालोर जिले में एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है, जिसके तहत पात्र लाभार्थियों को मात्र ₹450 में LPG सिलेंडर उपलब्ध कराया जाएगा। यह व्यापक योजना अनिवार्य ई-केवाईसी सत्यापन के माध्यम से सब्सिडी वाली रसोई गैस को एक कुशल वितरण प्रणाली के साथ जोड़ती है।
आधार और एलपीजी आईडी सीडिंग की महत्वपूर्ण भूमिका
इस कार्यक्रम में सभी लाभार्थी परिवार के सदस्यों के आधार नंबर और एलपीजी आईडी को उनके राशन कार्ड से जोड़ना अनिवार्य है। यह एकीकरण सुनिश्चित करता है कि सब्सिडी केवल वैध लाभार्थियों तक पहुंचे जिनके पास वैध राशन कार्ड और आधार पहचान है। सीडिंग प्रक्रिया सभी उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) पर पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों के माध्यम से संचालित की जाएगी, जहां डीलर प्रत्येक लाभार्थी के आधार नंबर, ई-केवाईसी और एलपीजी आईडी को जोड़ने में सहायता करेंगे।
कार्यान्वयन समयसीमा और दस्तावेज़ीकरण आवश्यकताएँ
जालोर में आधार और एलपीजी सीडिंग अभियान 5 नवंबर से 30 नवंबर तक चलेगा। लाभार्थियों को निम्नलिखित आवश्यक दस्तावेजों के साथ अपने निकटतम राशन की दुकान पर जाना होगा:
- परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड
- ई-केवाईसी सत्यापन दस्तावेज़
- एलपीजी कनेक्शन दस्तावेज (कनेक्शन डायरी या हाल के बिल)
- एलपीजी आईडी प्रमाण
पहल के लाभ और प्रभाव
यह एकीकृत दृष्टिकोण कई लाभ प्रदान करता है:
- लक्षित सब्सिडी वितरण: यह सुनिश्चित करता है कि लाभ केवल पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे
- दोहराव की रोकथाम: बायोमेट्रिक सत्यापन के माध्यम से नकली लाभार्थियों को समाप्त किया जाता है
- बढ़ी हुई सुविधा: राशन और एलपीजी सिलेंडर वितरण को सुव्यवस्थित करता है
- पर्यावरणीय लाभ: स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देता है
- आर्थिक राहत: सब्सिडी वाले एल.पी.जी. के माध्यम से मासिक घरेलू खर्च में कमी
प्रक्रिया और सत्यापन
सीडिंग प्रक्रिया पूरी करने के बाद, लाभार्थियों को अपने स्थानीय एफपीएस पर सत्यापन से गुजरना होगा। सफल सत्यापन के बाद ही वे ₹450 पर सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर और उनके नियमित राशन आवंटन के लिए पात्र होंगे। यह व्यवस्थित दृष्टिकोण पारदर्शिता और कुशल वितरण सुनिश्चित करता है जबकि सब्सिडी योजना के दुरुपयोग को रोकता है।
यह पहल डिजिटल सत्यापन के माध्यम से पारदर्शिता बनाए रखते हुए वंचित परिवारों के लिए किफायती रसोई गैस तक पहुँच सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सब्सिडी वितरण को मजबूत सत्यापन तंत्र के साथ जोड़ने का यह मॉडल पूरे देश में इसी तरह की कल्याणकारी योजनाओं के लिए एक टेम्पलेट के रूप में काम कर सकता है।