Zero Balance Account Opening: आज के बैंकिंग परिदृश्य में, बचत खातों में न्यूनतम शेष राशि बनाए रखना एक सामान्य आवश्यकता बन गई है। हालाँकि, शून्य शेष राशि वाले खाते उन लोगों के लिए एक समाधान प्रदान करते हैं जिन्हें इन न्यूनतम शेष राशि मानदंडों को पूरा करना चुनौतीपूर्ण लगता है। आइए शून्य शेष खातों के लाभों और विशेषताओं का पता लगाएं और जानें कि वे आपके बैंकिंग अनुभव को कैसे सरल बना सकते हैं।
शून्य शेष खाता क्या है?
जीरो बैलेंस अकाउंट एक नियमित बचत खाते की तरह ही काम करता है, लेकिन इसमें न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने की ज़रूरत नहीं होती। ये खाते उन लोगों के लिए आदर्श हैं, जिनका लेन-देन कम होता है या जो अपने खातों में बेकार पैसे नहीं रखना चाहते। हालाँकि ज़्यादातर बैंकिंग सेवाएँ जीरो बैलेंस अकाउंट के साथ उपलब्ध हैं, लेकिन कुछ सीमाएँ लागू हो सकती हैं।
शून्य शेष खातों के मुख्य लाभ
- न्यूनतम शेष राशि की कोई आवश्यकता नहीं
- मानक लेनदेन सीमा के साथ UPI सेवाओं तक पहुंच
- सुविधाजनक ऑनलाइन लेनदेन के लिए नेट बैंकिंग सुविधाएं
- पासबुक और एटीएम कार्ड का प्रावधान
- क्रेडिट कार्ड के लिए पात्रता (बैंक नीतियों के अधीन)
- असीमित जमा क्षमताएं
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये खाते लचीलापन प्रदान करते हैं, लेकिन इनमें दैनिक लेनदेन सीमा पर प्रतिबंध हो सकते हैं, आमतौर पर प्रति दिन लगभग ₹25,000। इसके अतिरिक्त, इन्हें सरकारी नौकरियों के लिए वेतन खातों के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, और शाखा या नेट बैंकिंग चैनलों के माध्यम से मुफ़्त मासिक लेनदेन की संख्या पर सीमाएँ हो सकती हैं।
प्रधानमंत्री जन धन योजना: सरकार की जीरो बैलेंस पहल
2014 में शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) का उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करना है। यह योजना नागरिकों को शून्य शेष राशि वाले खाते खोलने और न्यूनतम शेष राशि बनाए बिना बैंकिंग सुविधाओं का आनंद लेने की अनुमति देती है। पीएमजेडीवाई खातों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- प्रति खाता ₹10,000 तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा
- ₹2 लाख का स्वास्थ्य बीमा कवरेज
- न्यूनतम शेष राशि की कोई आवश्यकता नहीं
ओवरड्राफ्ट सुविधा खाताधारकों को आपातकालीन वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जबकि स्वास्थ्य बीमा अप्रत्याशित चिकित्सा व्यय के लिए सुरक्षा प्रदान करता है।
शून्य शेष खाता कैसे खोलें
शून्य शेष खाता खोलना एक सीधी प्रक्रिया है:
- अपनी पसंदीदा बैंक शाखा पर जाएँ
- शून्य शेष खाता आवेदन प्रपत्र का अनुरोध करें
- फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज़ प्रतियां संलग्न करें
- पूरा आवेदन बैंक में जमा करें
- बैंक आपके दस्तावेजों का सत्यापन करेगा और आपका खाता खोलेगा
भारत में कई बैंक जीरो बैलेंस खाते उपलब्ध कराते हैं, जिनमें एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और यस बैंक शामिल हैं। ये खाते वित्तीय समावेशन के लिए एक बेहतरीन अवसर प्रदान करते हैं, खासकर उन व्यक्तियों के लिए जिन्हें पारंपरिक बचत खातों में न्यूनतम शेष राशि बनाए रखना चुनौतीपूर्ण लगता है।
न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकता के बोझ के बिना आवश्यक बैंकिंग सेवाएं प्रदान करके, शून्य शेष खाते वित्तीय पहुंच को बढ़ावा देने और विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में व्यक्तियों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।